I am going to post yantras of all 9 planets in a series of post taking one yantra per post. These yantras can be used to reduce the malefic effects of the corresponding planets. This post is the second in the series after Sun Yantra.
In this particular post I am going to post the yantra for planet Moon. This yantra enhances peace of mind, reduces stress, blesses the native with respect, friendship and creates contacts with opposite sex in harmonious way. It reduces the malefic effects if planet Moon is malefic in the birth chart. This yantra is a very good replacement of Pearl, the gemstone of planet Moon. Yantras are much more effective than gemstones, much cheaper than gemstones and do not have any side effects like gemstones. So, if your Moon is not giving you desired results, go for Moon yantra.
Things needed:
1) Twig of pomegranate tree; which should be sharpened from one end to give it the shape of a pen. Peacock feather can also be used as pen
2) Ashtgandh. It is the mixture of eight things including musk, chandan, saffron etc. It is easily available in shops.
3) Small piece of bhoj patra You will get it easily in a pansaari shop. It is the outer skin of a specific tree.
4) Ganga jal (ganges water), if available. Optional.
5)Talisman enclosure made of copper. It looks like the one given in the picture below. The enclosure comes in various shapes like round, square etc. Shape does not matter.
These are all the things that you need. Muhurta: This yantra should be written in shukla paksha (bright half) on Monday in Moon Hora or any other auspicious muhurta.
Procedure: Take pinch of ashtgandh, add few drops of ganges water to it, if available. If it is not available then add normal water to it. This is to make the ink so that the above shown yantra can be drawn with this ink.
After making the ink, take the pomegranate twig/peacock feather and draw the yantra shown above with the ashtgandh ink on a small piece of bhojpatra. After drawing the yantra, allow it to dry. Once it is dried, fold the piece of the bhojpatra so that it fits inside the talisman enclosure and put it inside the enclosure and close the enclosure. Your talisman is ready to be worn now. You can wear it in a white thread or a silver chain around your neck or on right arm. One should keep reciting the mantra of Moon while making this yantra.
Note: The above procedure has been given only for the educational purposes. There are too many intricacies involved in the preparation of the yantras and everything can not be explained in a blog post. Yantra creation is an art. Readers are requested to get the yantras made only by an experienced person to get the complete benefit.
If you are interested in having the Moon Yantra which is made by me after following all the procedures, then please email me for the cost and mode of delivery.
मैं अपनी अगली कुछ पोस्ट में नव ग्रहों के यन्त्र देने जा रहा हूँ । अगर नवग्रह आपकी कुंडली में अच्छा प्रभाव नहीं दे रहे हैं तो आप इन यंत्रों का प्रयोग कर सकते हैं । सूर्य यन्त्र की पोस्ट के बाद इस पोस्ट में मैं चन्द्र का यन्त्र देने जा रहा हूँ ।
इस यन्त्र के प्रयोग से मानसिक शान्ति मिलती है, मानसिक तनाव कम होता है, सम्मान और प्रतिष्ठा मिलती है, नए लोगों से मिलना जुलना होता है नए मित्र सम्बन्ध बनते हैं । अगर आपकी कुंडली में चन्द्र नीच प्रभाव दे रहा है तो इस यन्त्र का प्रयोग करें । यह यन्त्र मोती रत्न, जोकि चन्द्र का रत्न है, का बहुत अच्छा विकल्प है । यन्त्र रत्नों से कहीं ज्यादा शक्तिशाली होते हैं, सस्ते होते हैं और रत्नों की तरह इनका कोई नकारात्मक प्रभाव भी नहीं होता । इसलिए अगर आपकी कुंडली में चन्द्र अच्छा नहीं है तो चन्द्र का यन्त्र प्रयोग में लाएं ।
स्याही बनाने के बाद अनार की डंडी लीजिये और इसे स्याही में भिगोकर ऊपर दिया हुआ यन्त्र एक भोजपत्र के टुकड़े पर बनाइये । पूरा यन्त्र बना लेने के बाद इसे सूखने के लिए रख दीजिये । सूखने के बाद भोजपत्र को मोड़ कर इतना छोटा बना लीजिये की यह ताबीज़ के खोल के अन्दर पूरा आ जाए । इसे खोल के अन्दर डाल कर खोल को बंद कर दीजिये । अब यह ताबीज़ डालने के लिए तैयार है । इसे आप एक सफ़ेद रंग के धागे में या चांदी कि जंजीर में अपने गले में या दायीं बाज़ू पर डाल सकते हैं । इस यन्त्र को बनाते हुए चन्द्र का मंत्र लगातार जपते रहना चाहिए ।
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मैं अपनी अगली कुछ पोस्ट में नव ग्रहों के यन्त्र देने जा रहा हूँ । अगर नवग्रह आपकी कुंडली में अच्छा प्रभाव नहीं दे रहे हैं तो आप इन यंत्रों का प्रयोग कर सकते हैं । सूर्य यन्त्र की पोस्ट के बाद इस पोस्ट में मैं चन्द्र का यन्त्र देने जा रहा हूँ ।
इस यन्त्र के प्रयोग से मानसिक शान्ति मिलती है, मानसिक तनाव कम होता है, सम्मान और प्रतिष्ठा मिलती है, नए लोगों से मिलना जुलना होता है नए मित्र सम्बन्ध बनते हैं । अगर आपकी कुंडली में चन्द्र नीच प्रभाव दे रहा है तो इस यन्त्र का प्रयोग करें । यह यन्त्र मोती रत्न, जोकि चन्द्र का रत्न है, का बहुत अच्छा विकल्प है । यन्त्र रत्नों से कहीं ज्यादा शक्तिशाली होते हैं, सस्ते होते हैं और रत्नों की तरह इनका कोई नकारात्मक प्रभाव भी नहीं होता । इसलिए अगर आपकी कुंडली में चन्द्र अच्छा नहीं है तो चन्द्र का यन्त्र प्रयोग में लाएं ।
आवश्यक सामग्री:
1) अनार के पेड़ की एक डंडी (टहनी) जिसके एक सिरे को तीखा करके कलम का आकार दे दिया जाए। आप मोर पंख भी कलम की तरह प्रयोग कर सकते हैं ।
2) अष्टगंध जो की आठ चीज़ों, चन्दन, कस्तूरी, केसर इत्यादि का मिश्रण है । यह आसानी से पंसारी की दुकान में मिल जाता है ।
3) भोजपत्र: ये भी आसानी से पंसारी की दूकान से मिल जाता है ।
4) गंगा जल अगर उपलब्ध हो तो अन्यथा साधारण पानी भी लिया जा सकता है ।
5) ताम्बे का बना हुआ ताबीज़ का खोल। ताबीज़ कई आकार में आते हैं । आप कोई भी आकार का खोल ले सकते हैं ।
आपको यन्त्र बनाने के लिए इन सब सामग्रियों की आवश्यकता है ।
मुहूर्त: इस यन्त्र को आप शुक्ल पक्ष के सोमवार को चन्द्र की होरा में बना सकते हैं । या फिर किसी और शुभ मुहूर्त में भी बना सकते हैं ।
विधि: चुटकी भर अष्टगंध लें और इसमें गंगा जल या साधारण जल मिला लें । इससे आपकी स्याही तैयार हो जायेगी जिससे आप ऊपर दिया हुआ यन्त्र बनायेंगे ।
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