Saturday, 4 April 2015

Remedy for Ghosts and Souls (Pret-atmaaon ke Liye Upay)


The yantra which I am going to provide in this post is very powerful and effective. Many people suffer from ghosts and souls. The following yantra is very useful in such cases. This yantra removes any fear of ghosts or souls. It needs to be worn on right arm. This is called as 15 digits yantra because the digits written in every row and every column of the yantra adds up to 15.

Things needed:

1) Twig of pomegranate tree which should be sharpened from one end to give it the shape of a pen
2) Ashtgandh. It is the mixture of eight things including musk, chandan, saffron etc. It is easily available in shops. 
3) Small piece of bhoj patra You will get it easily in a pansaari shop. It is the outer skin of a specific tree.
4) Ganga jal (ganges water), if available. Optional. 
5) Talisman enclosure made of copper. It looks like the one given in the picture below. The enclosure comes in various shapes like round, square etc. Shape does not matter. 
These are all the things that you need. 


Procedure: Take pinch of ashtgandh, add few drops of ganges water to it, if available. If it is not available then add normal water to it. This is to make the ink so that the following yantra can be drawn with this ink. 

After making the ink, take the pomegranate twig and draw the following yantra with the ashtgandh ink on a small piece of bhojpatra. After drawing the yantra, allow it to dry. Once it is dried, fold the piece of the bhojpatra so that it fits inside the talisman enclosure and put it inside the enclosure and close the enclosure. Your talisman is ready to be worn now. Wear it in a black thread around your neck. Draw this yantra in a shubh muhurta. 



Note: The above procedure has been given only for the educational purposes. There are too many intricacies involved in the preparation of the yantras and everything can not be explained in a blog post. Yantra creation is an art. Readers are requested to get the yantras made only by an experienced person to get the complete benefit. 
If you are interested in having the 15 Digit Yantra which is made by me after following all the procedures, then please email me for the cost and mode of delivery. 


कई लोग प्रेतात्माओं से ग्रस्त होते हैं या फिर उन्हें भूत प्रेत का डर होता है । ऊपर दिया गया 15 का यन्त्र ऐसे हालात में बहुत उपयोगी होता है । यह बहुत ही शक्तिशाली यन्त्र है जिसके और भी कई उपयोग हैं । इसे 15 का यन्त्र कहा जाता है क्योंकि इसकी हर लाइन का जोड़ 15  ही आता है । 

आवश्यक सामग्री:
 
1) अनार के पेड़ की एक डंडी (टहनी) जिसके एक सिरे को तीखा करके कलम का आकार दे दिया जाए। 
2) अष्टगंध जो की आठ चीज़ों, चन्दन, कस्तूरी, केसर इत्यादि का मिश्रण है । यह आसानी से पंसारी की दुकान में मिल जाता है । 
3) भोजपत्र: ये भी आसानी से पंसारी की दूकान से मिल जाता है ।
4) गंगा जल अगर उपलब्ध हो तो अन्यथा साधारण पानी भी लिया जा सकता है । 
5) ताम्बे का बना हुआ ताबीज़ का खोल। ताबीज़ कई आकार में आते हैं । आप कोई भी आकार का खोल ले सकते हैं । 

आपको यन्त्र बनाने के लिए इन सब सामग्रियों की आवश्यकता है । 

विधि: चुटकी भर अष्टगंध लें और इसमें गंगा जल या साधारण जल मिला लें । इससे आपकी स्याही तैयार हो जायेगी जिससे आप ऊपर दिया हुआ यन्त्र बनायेंगे । 

स्याही बनाने के बाद अनार की डंडी लीजिये और इसे स्याही में भिगोकर ऊपर दिया हुआ यन्त्र एक भोजपत्र के टुकड़े पर बनाइये । पूरा यन्त्र बना लेने के बाद इसे सूखने के लिए रख दीजिये । सूखने के बाद भोजपत्र को मोड़ कर इतना छोटा बना लीजिये की यह ताबीज़ के खोल के अन्दर पूरा आ जाए । इसे खोल के अन्दर डाल कर खोल को बंद कर दीजिये । अब यह ताबीज़ डालने के लिए तैयार है । इसे काले रंग के धागे में डालकर अपने गले में डाल लीजिये । इस यन्त्र को किसी शुभ मुहुर्त में ही बनाना चाहिए। 

नोट: ऊपर दी गयी विधि केवल पाठकों की शिक्षा हेतु दी गयी है । यन्त्र बनाने में बहुत सी बातों का ध्यान रखना पड़ता है और वो सारी बातें एक लेख में नहीं बतायी जा सकती हैं । यन्त्र बनाना एक कला है और पूरा फायदा लेने के लिए यन्त्र किसी अनुभवी व्यक्ति से ही बनवाना चाहिए ।

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